परिचय: ज्योतिष एक प्राचीन विज्ञान है जो खगोलीय पिंडों की गति और स्थिति के आधार पर मानव जीवन पर उनके प्रभाव का अध्ययन करता है। इसमें एक महत्वपूर्ण अवधारणा है “राशि चक्र” (Zodiac)। आइए इसे वैज्ञानिक और सरल दृष्टिकोण से समझते हैं।
राशि चक्र (Zodiac) क्या है?
राशि चक्र एक काल्पनिक बेल्ट है जो आकाश में 360 डिग्री का वृत्त बनाता है। यह वह मार्ग है जिसके माध्यम से सूर्य, चंद्रमा और अन्य ग्रह चलते हैं जब हम पृथ्वी से आकाश को देखते हैं। इस बेल्ट को 12 बराबर हिस्सों में बाँटा गया है, जिन्हें हम 12 राशियाँ कहते हैं। हर राशि 30 डिग्री क्षेत्र को कवर करती है।
राशि चक्र को 12 भागों में कैसे बाँटा गया है?
राशि (संस्कृत नाम) | अंग्रेजी नाम | प्रतीक | तत्व (Element) | स्वामी ग्रह |
---|---|---|---|---|
मेष | Aries | राम | अग्नि | मंगल |
वृषभ | Taurus | वृषभ | पृथ्वी | शुक्र |
मिथुन | Gemini | युग्म | वायु | बुध |
कर्क | Cancer | केकड़ा | जल | चंद्र |
सिंह | Leo | सिंह | अग्नि | सूर्य |
कन्या | Virgo | कन्या | पृथ्वी | बुध |
तुला | Libra | तराजू | वायु | शुक्र |
वृश्चिक | Scorpio | बिच्छू | जल | मंगल |
धनु | Sagittarius | धनुष | अग्नि | बृहस्पति |
मकर | Capricorn | बकरी | पृथ्वी | शनि |
कुम्भ | Aquarius | घड़ा | वायु | शनि |
मीन | Pisces | मछली | जल | बृहस्पति |
पृथ्वी को ग्रहों में क्यों शामिल नहीं किया गया?
ज्योतिष शास्त्र पृथ्वी पर खड़े होकर आकाश का अवलोकन करता है। क्योंकि हम पृथ्वी पर रहते हैं, हम पृथ्वी को नहीं देख सकते — लेकिन सूर्य, चंद्रमा और अन्य ग्रहों को देख सकते हैं। इसलिए पृथ्वी को स्वयं ग्रह नहीं माना जाता बल्कि वेधशाला का केंद्र (Observation Point) माना गया है।
नक्षत्रों और राशियों का संबंध
360 डिग्री वाले राशि चक्र को 27 नक्षत्रों में भी विभाजित किया गया है। हर नक्षत्र 13 डिग्री 20 मिनट का होता है। हर राशि में 2 से ढाई नक्षत्र आते हैं। जैसे:
मेष: अश्विनी, भरणी, कृतिका का भाग
वृषभ: कृतिका का भाग, रोहिणी, मृगशिरा का भाग
नक्षत्र मानसिक गुणों को दिखाते हैं जबकि राशियाँ बाहरी व्यवहार और प्रकृति को।
राशि का उपयोग कहाँ होता है?
कुंडली निर्माण में (लग्न, चंद्र राशि, सूर्य राशि)
भविष्यवाणी के लिए (गोचर, दशा आदि)
मिलान और वैवाहिक अनुकूलता
स्वास्थ्य और करियर दिशा निर्धारण में
राशि चक्र का वैज्ञानिक पक्ष
पृथ्वी सूर्य के चारों ओर 365 दिनों में चक्कर लगाती है।
इस दौरान सूर्य की स्थिति हमें विभिन्न नक्षत्रों और राशियों में प्रतीत होती है।
यह एक दृश्य भ्रम है लेकिन इसका उपयोग ज्योतिष में किया जाता है।
पश्चिमी ज्योतिष Tropical Zodiac उपयोग करता है (सूर्य आधारित), जबकि वैदिक ज्योतिष Sidereal Zodiac (नक्षत्र आधारित) प्रयोग करता है।
निष्कर्ष:
राशि चक्र ब्रह्मांड की एक अद्भुत व्यवस्था है जो ग्रहों की गतियों को एक निश्चित फ्रेमवर्क में बाँधकर मानव जीवन पर प्रभावों का विश्लेषण करता है। इसकी वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी मजबूत नींव है और वैदिक ज्योतिष में इसका विशेष महत्व है।
इस ब्लॉग में हमने राशि चक्र की मूलभूत जानकारी, 12 राशियाँ, उनके स्वामी, तत्व, और वैज्ञानिक पहलुओं को सरल और स्पष्ट रूप से समझाया है।
अगले ब्लॉग में हम जानेंगे: “नवग्रह क्या हैं और वे मानव जीवन को कैसे प्रभावित करते हैं।”
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